लखनऊ की AI ताकत: जब ट्रैफिक बोलेगा ‘मुझसे निपटो!’

महेंद्र सिंह
महेंद्र सिंह

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ अब देश की पहली AI सिटी बनने जा रही है। भारत सरकार के इंडिया AI मिशन के तहत यूपी सरकार को इस काम के लिए 10,732 करोड़ रुपये मिले हैं। इस धनराशि से टेक्निकल इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा होगा और युवाओं को AI, डेटा एनालिटिक्स, साइबर सुरक्षा जैसी तकनीकों में प्रशिक्षित किया जाएगा। विजन 2047 के तहत डिजिटल उत्तर प्रदेश की नींव इस योजना से रखी जाएगी।

AI से लैस स्मार्ट शहर में होगा ट्रैफिक मैनेजमेंट

लखनऊ में जल्द ही AI आधारित हाई-टेक ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जाएगा। AI की मदद से ट्रैफिक निगरानी और नियंत्रण बेहद स्मार्ट और सटीक होगा। वाराणसी में पहले से काम कर रहे इस सिस्टम की सफलता को देखते हुए इसे पूरे प्रदेश में फैलाया जा रहा है। इसके अलावा, 17 नगर निगमों और गौतम बुद्ध नगर में AI से लैस CCTV, फेसियल रिकग्निशन, नंबर प्लेट ट्रैकिंग और SOS अलर्ट सिस्टम भी लगाए गए हैं, जो 112 हेल्पलाइन और पुलिस कंट्रोल रूम से जुड़े हैं।

युवाओं और किसानों को AI की ट्रेनिंग

उत्तर प्रदेश सरकार AI प्रज्ञा योजना के तहत हर महीने 1.5 लाख युवाओं, शिक्षकों, ग्राम प्रधानों, सरकारी कर्मचारियों और किसानों को मशीन लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स और साइबर सुरक्षा की ट्रेनिंग दे रही है। Microsoft, Google, Intel, Guvi जैसी बड़ी कंपनियों के साथ साझेदारी में ये सर्टिफिकेट्स भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। किसानों को AI आधारित स्मार्ट सिंचाई, ड्रोन मैपिंग, कीट पहचान और डिजिटल मार्केटिंग से अवगत कराया जा रहा है।

गवर्नेंस और स्वास्थ्य में AI का क्रांतिकारी उपयोग

उत्तर प्रदेश में गवर्नेंस को और स्मार्ट बनाने के लिए AI का व्यापक इस्तेमाल हो रहा है। राजस्व विभाग सैटेलाइट इमेजिंग और AI एल्गोरिदम से जमीन का डिजिटल नक्शा बना रहा है, जिससे विवाद कम हुए हैं। खनन क्षेत्रों में 25 जिलों में 57 AI चेक गेट लगाए गए हैं, जो अवैध खनन रोकने में मदद कर रहे हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र में भी AI क्रांति जारी है, फतेहपुर में देश का पहला AI आधारित ब्रेस्ट कैंसर स्क्रीनिंग सेंटर खोला गया है।

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